Lucknow News: एक फरवरी को पारित किये जाने वाले केंद्रीय आम बजट में GST की प्रमुख विसंगति को दूर करने के लिए वाणिज्य कर आयुक्त उ0प्र0 को सर्वहित व्यापार मण्डल के प्रतिनिधि मण्डल द्वारा ज्ञापन दिया गया

Lucknow News: एक फरवरी को पारित किये जाने वाले केंद्रीय आम बजट में GST की प्रमुख विसंगति को दूर करने के लिए वाणिज्य कर आयुक्त उ0प्र0 को सर्वहित व्यापार मण्डल के प्रतिनिधि मण्डल द्वारा ज्ञापन दिया गया 

एक फ़रवरी को पारित किये जाने वाले आम बजट में GST की प्रमुख विसंगति को दूर करने के लिए सर्वहित व्यापार मंडल के प्रतिनिधि मंडल ने प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार यादव के नेतृत्व में आज दिनांक 18/01/2023 को वाणिज्य कर आयुक्त उ0प्र0 मिनिस्ती एस. जी से मुलाकात कर उन्हें माननीय केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी के नाम प्रेषित 6 सूत्रीय माँग पत्र सौपा, प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार यादव जी ने बताया कि ज्ञापन के माध्यम से GST में निन्मलिखित संसोधन का आग्रह किया गया है :-  

  1. Gstr-3b में लगने वाली लेट फीस के प्रावधान को ख़तम करने की मांग करते है | लेकिन अगर न हो सके तो जो लेट फीस की अव्यावहारिक ब्याज की दर है इसे व्यवहारिक बनाना चाहिए, इसे बैंक ऋण की दर से 2 या 3 प्रतिशत रखनी चाहिए क्यों कि 18 प्रतिशत की दर बहुत पुरानी और अधिक है . इस दर को कम करने की जरुरत है क्यों कि कर देरी से जमा करने और रिटर्न देरी से भरने के और भी दुष्परिणाम है इसलिए ब्याज को ब्याज की तरह की वसूल किया जाना चाहिए|
  2. खरीदार की इनपुट क्रेडिट रोकना गलत, विक्रेता ने कर लेकर चुकाया ही नहीं तो सरकार को विक्रेता को दण्डित करना चाहिए जबकि अभी के नियम से क्रेता की इनपुट क्रेडिट रोकी जाती है| जीएसटी एक बार एकत्र करने के बाद उसे चुकाने की जिम्मेदारी भी उसी व्यक्ति की होनी चाहिए जिसने इसे एकत्र किया है और जीएसटी में जब यह हो जाएगा तभी डीलर्स संतुष्ट हो पायेंगे और जीएसटी की बहुत सी समस्याएं हल हो जायेंगी. खरीददार की इनपुट क्रेडिट रोकना कोई इस समस्या का हल नहीं हैं ना ही यह कोई आदर्श स्थिति है|
  3. RCM के दुष्प्रभावों से करदाताओं को मुक्त करे ,जहाँ इस कर का कोई वित्तीय प्रभाव नहीं था या है, जहां इनपुट क्रेडिट चुकाने के बाद उसकी क्रेडिट मिलनी है और करदाता ने उसे नहीं चुकाया है तो करदाता को इसका दंड नहीं दिया जाना चाहिए|
  4. जीएसटी एक नया कर था और कठिन भी था इसमें प्रारम्भ के 5 सालों में गलतियां बहुत हुई है और गलती और अपराध में फर्क होना ही चाहिए इसलिए एक एमनेस्टी स्कीम ऐसी आनी चाहिए जिसमें डीलर्स अपनी इन गलतियों को सुधार सके, जैसे IGST की इनपुट क्रेडिट SGST और CGST में ले ली गई है, कर का भुगतान पूरा किया गया है लेकिन RCM में इसे दिखाया नहीं गया है, ऐसी सभी गलतियों जिनमें कर की चोरी नहीं है तो इनको सुधारने के लिए एक एमनेस्टी लाई जानी चाहिए |
  5. एक डीलर को इनपुट क्रेडिट लेने की समय सीमा को उसके वार्षिक रिटर्न भरने तक बढ़ा दिया जाये. इनपुट क्रेडिट के सम्बन्ध में वसूली उस व्यक्ति से की जाए जो कि टैक्स एकत्र करने के बाद कर जमा नहीं करवा पा रहा है |
  6. इस तरह कि ई कॉमर्स नीति लाई जाए जिससे ई कॉमर्स कम्पनियों के लिए इस तरह के नियम बनाए जाए कि ई कॉमर्स व्यवसाय से नुकसान झेल रहे खुदरा व्यापार को रहत मिल सके | 

GST Indirect Tax consumer/end user द्वारा चुकाया जाने वाला कर है, व्यवसाई केवल सरकार और कर दाता के बिच में कर संग्रह का एक माध्यम है। सरकार कर संग्रह प्रणाली को इस तरह से लागू करे कि व्यवसाई को बेवजह दंडित किए बिना 100% कर की वसूली हो, फिलहाल तो यही लक्ष्य होना चाहिए ,लेकिन अंतिम लक्ष्य तो एकल जीएसटी होना चाहिए ,जिसमें केंद्रीयकृत जीएसटी हो और एक बार इसे एकत्र करने के बाद राज्य और केंद्र आपस में बांटे, यह कब लागू होगा यह तो पता नहीं लेकिन इसकी माँग जारी रखेंगे क्यों कि जीएसटी का आदर्श स्वरुप यही है |

वाणिज्य कर आयुक्त उ0प्र0 से मुलाकात करने वाले प्रतिनिधि मंडल में सर्वहित व्यापार मंडल के प्रदेश सचिव मोहमद अफज़ल, प्रदेश मंत्री अजय वर्मा, नगर महासचिव राजेश पाल, युवा नगर ईकाई के उपाध्यक्ष संदीप कुमार गौढ़ शामिल थे।

     

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