Neelam Stone | शनिदेव का नीलम रत्न जाने इसके फायदे और नुकसान

नीलम रत्न:- यदि नीलम अनुकूल अवस्था में प्राप्त हो, तो धन, धान्य, सुख-संपत्ति, मान-सम्मान, यश, गौरव, आय वृद्धि, बल और वंश की वृद्धि होती है। नीलम के बारे में कहा जाता है कि अगर यह अनुकूल अवस्था में प्राप्त हो, तो यह रातों-रात भिखारी को भी राजा बना सकता है।

नीलम रत्न: (Neelam Stone)

शनिदेव का नीलम रत्न ज्योतिषशास्त्र के अनुसार व्यक्ति कभी ना कभी किसी ग्रह के दुष्प्रभाव के कारण तमाम परेशानियों से घिर जाता है

ज्योतिष के अनुसार सभी ग्रहों में से शनि ग्रह बहुत प्रभावशाली ग्रह माना गया है शनि के अशुभ भाव में बैठने पर जातकों को कष्ट का सामना करना पड़ सकता है शनि ग्रह से जुड़े साढ़ेसाती, ढईया और महादशा चलने पर भारी परेशानियां आने लगती हैं शनि ग्रह के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए कई तरह के उपाय किए जाते हैं उन्हीं उपायों में से एक उपाय शनि ग्रह का यह रत्न नीलम धारण करना भी माना गया है।

नीलम रत्न
                   नीलम

बताया गया है शनि अगर कुंडली में अशुभ हो तो कई तरह की परेशानियां आने लगती हैं और बनते हुए काम बिगड़ने लगते हैं इसलिए जिन जातकों पर शनि भारी होते हैं उन्हें नीलम रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। ज्योति के अनुसार जब ग्रहों का नकारात्मक प्रभाव पड़ता है तो कई तरह की परेशानियां आने की संभावना बनती हैं जैसे मानसिक तनाव, धन हानि, अशांति, बीमारी परिवार में कलह जैसी परेशानियां घेर लेती है ऐसे समय में ज्योतिष शास्त्र के अनुशार रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है.

नीलम रत्न के फायदे:

जो भी नीलम धारण करता है कहा जाता है नीलम धारण करने से उसकी कार्यशैली में काफी बदलाव आते हैं और उस व्यक्ति के सोचने समझने की क्षमता में भी इजाफा होता है जिन व्यक्तियों पर या राशियों पर शनि का प्रभाव होता है जिन लोगों के ऊपर सनी की साढ़ेसाती एवम ढईया का प्रभाव हो उन लोगों को नीलम धारण करने से लाभ मिलता है जिन लोगों को नीलम लाभ पहुंचाता है उनके बिगड़े काम जल्द ही बनने लगते हैं। (Blue Sapphire Stone) जिसे सूट करता है उसको रंक से राजा बना सकता है. लेकिन अगर किसी को यह रत्न नीलम सूट नही करता है तो उसको राजा से रंक बनने में समय नही लगता है.नीलम धारण करने से ज्ञान और धैर्य में वृद्धि होती है तथा वाड़ी में मिठास , विनम्रता में वृद्धि भी होती है.

नीलम रत्न के चमत्कार:

नीलम रत्न धारण करने से मन में तीर्वता आती है व्यवहार में बदलाव होने लगता है नीलम धारण करते ही व्यक्ति तरक्की के नए रास्ते पर चलने लगता है और ये रत्न जिन लोगों को सूट नही करता है उन लोगों को जीवन का खतरा भी हो सकता है।

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किन राशि वालों को नीलम करता है सूट:

ज्योतिषियों के अनुसार वृष राशि, तुला राशि, मिथुन राशि, मकर राशि, कन्या राशि और कुंभ राशि के लोगों को नीलम धारण करने की सलाह दी जाती है।

नीलम कौन धारण कर सकता है:

ऐसे व्यक्ति जिनकी कुंडली में शनि ग्रह चौथे, पांचवे, दसवें या ग्यारवें भाव में हो तो नीलम ग्रहण कर सकतें हैं. नीलम रत्न का संबंध शनि ग्रह के साथ माना गया है. यदि कुंडली में शनि षष्ठेश या अष्टमेश में स्थित हो उसके लिए नीलम धारण करना शुभ होता है.

नीलम रत्न के नुकसान:

नीलम बहुत ही प्रभावशाली रत्न माना गया है और यह बहुत ही जल्द परिणाम देना शुरू कर देता है इसीलिए इसे हर किसी को पहनने की सलाह नहीं दी जाती यदि इसे कोई ऐसा व्यक्ति पहन लेता है जिसे इसकी जरूरत नही है तो ये रत्न अशुभ फल दे सकता है कई तरह की मुसीबत का सामना करना पढ़ सकता है और ये रत्न उस व्यक्ति को बर्बाद कर सकता है.ऐसी स्थिति में दुर्घटना एवं आर्थिक नुकसान, बीमारी, आखों में तकलीफ जलन ,सिरदर्द घबराहट, दुश्मनी, फर्जी विवाद भी हो सकता है और घर में कलह शुरू हो सकती है अगर ये रत्न किसी ने धारण किया है और ये दिक्कत दिखाई दे तो तुरंत नीलम उतार देना चाहिए। इसी लिए कहा जाता है बिना ज्योतिषी की सलाह लिए इसे धारण नही करना चाहिए.

नीलम के साइड इफेक्ट्स 

यदि शनि सही स्थिति में नहीं है, तो इसे भूलकर भी धारण नहीं करना चाहिए. ज्योतिष के अनुसार, यदि शनि-राहु या शनि-मंगल छठवें, आठवें या बारहवें स्थान पर हैं, तो इस स्थिति को शुभ नहीं माना जाता. इसके अलावा, शनि कुंभ और मकर राशि के स्वामी हैं. यदि इन राशियों की स्थिति ठीक न हो, तो नीलम को पहनना चाहिए वर्ना अशुभ परिणाम हो सकते हैं.

नीलम रत्न को अशुभ स्थिति में पहनने से व्यक्ति समस्त दिशाओं से मुसीबतों का सामना करता है, और उसे बर्बादी की ओर तेजी से बढ़ते हुए देखा जाता है. इस प्रकार की परिस्थिति में झगड़े, दुश्मनी, और वाद-विवाद बढ़ जाता है, जिससे सभी कार्यों में रुकावटें आती हैं और आर्थिक हानि होती है. व्यक्ति बर्बादी की कगार पर पहुँचता है और घर में बीमारियों में धन की बर्बादी होती है.

नीलम कब धारण करना चाहिए?

नीलम धारण करने का सबसे शुभ शनिवार को माना जाता है। क्योंकि शनिवार का संबंध शनि देव से माना जाता है। शनिवार के दिन सुबह 5 से 9 बजे की बीच या फिर सूर्यास्त से पहले 5 से 7 बजे के बीच पहन सकते है।

नीलम धारण करने की विधि?

शनिवार के दिन शुभ नक्षत्र में सबसे पहले पूजा करने के बाद गाय के दूध और गंगाजल से अंगूठी को शुद्ध करे इसके बाद शनि देव के मंत्र का 108 बार जाप करे उसके बाद ही नीलम रत्न को धारण करे।

नीलम रत्न किस उंगली में पहने?

इसे दाहिने हाथ की मध्यमा उंगली (Middle Finger) में यानी की मिडिल फिंगर में इसको पहना जाता है क्योंकि ये उंगली ज्योतिष एवं हस्तरेखा के अनुसार शनि की होती है.

नीलम धारण करने का मंत्र?

नीलम धारण करने से पहले शनि मंत्र ॐ प्रां प्रीं प्रों स: शनिचराय नमः इस मंत्र को कम से कम 108 बार जाप करने के बाद नीलम धारण करे।

नीलम कितने रत्ती का पहने?

किसी भी व्यक्ति को नीलम रत्न कम से कम 5 रत्ती का जरूर पहनना चाहिए. इससे कम रत्ती का नीलम रत्न पहनने से लाभ धीरे-धीरे होगा. इसलिए नीलम रत्न पांच रत्ती का जरूर धारण करें. अगर आप चाहे तो सात रत्ती का भी नीलम पहन सकते हैं।

नीलम किस धातु में पहने?

नीलम धारण करने के लिए सबसे अच्छी धातु चांदी और पंचधातु ,प्लैटिनम में पहने।

नीलम कितने दिन में काम करता है?

नीलम पहनने के 24 घंटे के अंदर ही शुभ और अशुभ फल दिखाई देने लगता है।

(Disclaimer:  यहां दी गई जानकारी सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है Bsamadhan.com इसकी पुष्टि नही करता है)

 

 

3 thoughts on “Neelam Stone | शनिदेव का नीलम रत्न जाने इसके फायदे और नुकसान

  1. हैलो सर , आपकी वेबसाईट पे आकर ही पता चल हे , की नीलम पहनने के क्या क्या फायदा हे ,केसे पहने ,क्यू पहने , किस लिय पहने कब पहने , बहुत अच्छी तरह से बता लगा रखा हे , धन्यवाद

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