इनवर्टर टेक्नोलॉजी क्या होती है | Inverter and Solar Inverter Technology in Hindi

इनवर्टर टेक्नोलॉजी क्या होती है, सोलर इन्वर्टर सिस्टम प्राइस कीमत(Inverter and solar inverter technology in hindi 

Inverter and Solar Inverter Technology in Hindi

इनवर्टर आजकल की रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन चुका है भारत में बिजली की समस्या से कोई भी अछूता नहीं है बार-बार लाइट(इलेक्ट्रिसिटी) जाने की वजह से लोग बहुत परेशान रहते हैं ऐसे में लोग अपने घरों, ऑफिस में इनवर्टर लग जाते हैं, ताकि उन्हें बिजली की सप्लाई मिलती रहे इनवर्टर क्या है कैसे काम करता है आज हम आपको बहुत सरल तरीके से बताएंगे आप अगर बिजली की समस्या से परेशान हैं और इनवर्टर खरीदने का मन बना रहे हैं तो यह पोस्ट आपकी बहुत हेल्प कर सकती हैं इनवर्टर से जुड़ी हर जानकारी को हम विस्तार से बताने जा रहे हैं, हमारे इस आर्टिकल को अंत तक ध्यान से जरूर पढ़ें आजकल हर घर ऑफिस और अलग-अलग जगह में इनवर्टर होना आम हो गया है या छोटी सी चीज हम इस्तेमाल तो जरूर करते हैं इसकी पूरी जानकारी ही हमें नहीं होती है.

इन्वर्टर क्या है:

जब कभी लाइट चली जाती है तो हमारा काम भी रुक जाता है जिससे लोगों का कई तरीके से नुकसान होता है आज के समय में सभी चीजें बिजली पर चलती है जैसे पंखा कूलर एसी फ्रिज माइक्रोवेव चिमनी और आदि इलेक्ट्रॉनिक सामान लाइट चले जाने पर घर के बिजली उपकरण को पावर सप्लाई नहीं मिलती ऐसे में इनवर्टर उन्हें पावर भेजता है जिसके बाद वह पहले जैसे चलने लगते हैं इनवर्टर एक तरह का सपोर्ट सिस्टम है जो पावर हाउस से पावर ना मिलने पर बिजली उपकरण को पावर देता है इनवर्टर कई तरह के होते हैं जिनकी अलग अलग लिमिट होती है लोग अपनी जरूरत और इच्छा के अनुसार इसे लगा सकते हैं.

सोलर इन्वर्टर क्या है:

सोलर इनवर्टर जैसा कि नाम से ही समझ में आता है   या सोलर से चलने वाला इनवर्टर होता है यह आम इनवर्टर से अलग होता है जो काम भी अलग तरीके से करता है सोलर इनवर्टर आम इनवर्टर से थोड़ा महंगा आता है लेकिन आगे इसमें कोई खर्चा नहीं आता तो मतलब एक बार का खर्चा फिर आपको इससे सुविधाएं मिलती रहेंगी इस इनवर्टर में बहुत से अन्य फीचर भी होते हैं जो उसे आकर्षित बनाते हैं यह इनवर्टर सोलर पावर मतलब सूर्य की किरणों और मुख्य पावर सप्लाई से चार्ज होता है.

सोलर इनवर्टर काम कैसे करता है:

कोई भी इनवर्टर तभी काम कर पाता है जब वह चार्ज होता है मतलब जब घर में लाइट होती हैं तो इनवर्टर भी उस बिजली से चार्ज होता रहता है जब लाइट चली जाती है तो अपने चार्ज कैपेसिटी के अनुसार ही चलता है इस आम इनवर्टर से बिजली की खपत बहुत होती है क्योंकि यह अपनी चार्जिंग के लिए बहुत बिजली उपयोग करता है अब सोलर इनवर्टर की बात करें तो यह सूर्य की किरणों से चार्ज होता है जब तक यह क्यों नहीं रहती हैं वह उसे ग्रहण कर चार्ज होते रहता है मुख्य पावर सप्लाई से पावर नहीं लेता जब सूर्य की किरने नहीं रहती है तो यह मुख्य सप्लाई से अपने आप को जोड़कर वहां से पावर लेने लगता है सोलर इनवर्टर सोलर पैनल(solar pannel) से चार्ज होते समय मेन लाइन की सप्लाई को बंद कर देता है जब सोलर पैनल से सप्लाई कम हो जाती है मतलब बारिश एवं सर्दियों में जब सूर्य की किरणें तेज नहीं होती है तब फिर इनवर्टर मेन पावर से सप्लाई लेता है.

इनवर्टर कैसे काम करता है:

  • यह ऐसा एक बिजली का यंत्र है जो ऐसी(Alternating Current) को डीसी( Direct Current) करंट में बदल देता है और साथ ही डीसी वोल्टेज को एसी वोल्टेज में बदलता है जिसमें इनवर्टर की बैटरी चार्ज होती है.
  • एक आम इनवर्टर पूरी तरह से घर के मुख्य पावर सप्लाई पर निर्भर करता है क्योंकि उसे वहां से पावर मिलता है जिससे वह चार्ज होता है मेन सप्लाई अगर बंद हुई तो इनवर्टर भी चार्ज नहीं हो सकेगा
  • इनवर्टर मुख्य पावर की सप्लाई को बाईपास करके सीधे आउटपुट देता है जिससे इनवर्टर का डीसी से एसी में कन्वर्ट नहीं हो पाता जैसे ही इनवर्टर की मुख्य पावर सप्लाई बंद होती है तो वह बैटरी से पावर लेता है और उसे डीसी से एसी में कन्वर्ट करता है.

इनवर्टर के फायदे:

  1. बिना आवाज के काम करते हैं मतलब यह चलते समय किसी भी तरह कोई भी आवाज नहीं करते जब कि पहले चलने वाले ज्यादा क्षमता के जनरेटर बहुत अधिक आवाज किया करते हैं
  2. कम जगह घेरते हैं – इनवर्टर आपके घर कार्यालय छोटी सी जगह में आराम से फिट आ जाते हैं इसको बहुत बड़े स्पेस की जरूरत नहीं होती है
  3. सभी इलेक्ट्रिक डिवाइस को सपोर्ट करते हैं जी हां इनवर्टर लगभग किसी भी तरह के उपकरण को सपोर्ट कर सकते हैं इनवर्टर के साथ कोई ऐसी शर्त नहीं है कि आप किसी तरह के उपकरण को ना चला पाए लेकिन हां आप सभी तरह के बिजली के उपकरण इनवर्टर द्वारा चलाना चाहते हो तो उसके लिए अच्छी क्वालिटी का उच्च क्षमता वाला इनवर्टर लगाना होगा जिससे आपको अच्छी सुविधा मिल सके
  4. कोई ईधन नहीं लगता जनरेटर को चलाने के लिए ईंधन मतलब पेट्रोल डीजल लगता है जबकि इनवर्टर में ऐसा कुछ नहीं है इसमें किसी भी तरह की कोई भी ईंधन की आवश्यकता नहीं होती बिजली से चार्ज होकर आसानी से काम करता है

इनवर्टर कितने प्रकार के होते हैं:

हम आपको इनवर्टर कितने प्रकार के होते हैं यह बताने जा रहे हैं इससे आपको अच्छे से समझ आ सके कि कौन सा इनवर्टर कैसे काम करता है और किस में क्या खूबी है

  • मॉडिफाइ साइन वेव इनवर्टर_ यह निम्न कोटि का साधारण इनवर्टर होता है जब इनवर्टर की शुरुआत हुई थी तबीयत शुरुआत में बनाया गया था यह बहुत कम क्षमता वाले होते हैं जो बहुत जल्दी खराब भी हो जाते हैं रिचार्ज होने के लिए बिजली की खपत भी अधिक करते हैं जिससे बिजली का बिल अधिक आता है
  • प्योर साइन वेव इनवर्टर या अच्छे क्षमता के उच्च क्वालिटी वाले इनवर्टर होते हैं जो थोड़े महंगे जरूर होते हैं काम अच्छा करते है इस तरह के इनवर्टर कम बिजली की खपत करके जल्दी चार्ज हो जाते हैं इन इनवर्टर से आप हाई वोल्टेज वाले उपकरण भी आसानी से चला सकते हैं
यूपीएस और इनवर्टर में क्या अंतर है

यूपीएस और इनवर्टर दोनों का काम एक ही है बिजली की सप्लाई आगे देना लेकिन दोनों की कार्य क्षमता अलग है और दोनों में बहुत से अंतर है चलिए आपको इनके बारे में बताते हैं.

  • यूपीएस पूरी तरह बैटरी पर निर्भर रहता है मतलब वह मुख्य पावर से नहीं हुआ होता है बैटरी के द्वारा चलता है जबकि इनवर्टर बैटरी से चार्ज होता है फिर काम करता है.
  •   मुख्य पावर सप्लाई न मिलने से इनवर्टर भी बंद हो जाता है क्योंकि एक समय के बाद उसे पावर चाहिए होता है लेकिन यूपीएस को इस से कोई मतलब नहीं पावर रहे ना रहे तो वैसे ही करता रहता है.
  •  यूपीएस सिर्फ कंप्यूटर प्रिंटर स्कैनर मैं ही उपयोग होता है जो पावर कट होने के बाद कंप्यूटर को मात्र 15:20 मिनट तक चालू रख सकता है इनवर्टर की छमता इससे बहुत अधिक होती है भाई सभी तरह के बिजली उपकरणों को बहुत देर तक चालू रख सकता है.
  • यूपीएस की कीमत ₹2000 के आसपास होती है जबकि इनवर्टर 10 12 हजार के आते हैं

 

 

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